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AuthorWrite something about yourself. No need to be fancy, just an overview. Archives |
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दूसरों के सामने बोलना डरावना लग सकता है। कई लोग घबराते हैं, उनके हाथ कांपते हैं, या उनकी आवाज़ लड़खड़ाने लगती है। लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! सार्वजनिक बोलना एक कौशल है, और किसी भी कौशल की तरह, इसे भी अभ्यास और सही मानसिकता के साथ बेहतर बनाया जा सकता है। यहाँ कुछ आसान टिप्स दिए गए हैं जो आपको अपने डर पर काबू पाने और आत्मविश्वासी वक्ता बनने में मदद करेंगे।
1. अच्छी तैयारी करें अच्छी तैयारी से आत्मविश्वास बढ़ता है।
2. छोटे स्तर से शुरू करें अगर बड़ी भीड़ के सामने बोलना कठिन लगता है, तो छोटे स्तर से शुरुआत करें।
3. अपनी साँसों पर नियंत्रण रखें घबराहट से दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है। साँसों को नियंत्रित करने से शांति महसूस होती है।
4. अपने आप से सकारात्मक बातें करें डर आमतौर पर नकारात्मक विचारों से आता है, जैसे – "अगर मैं गलती कर दूँ तो?" इन विचारों को सकारात्मक सोच से बदलें।
5. दोस्त के साथ अभ्यास करें
6. अपने व्यक्तव्य पर ध्यान दें, खुद पर नहीं
7. सरल भाषा का उपयोग करें
8. बॉडी लैंग्वेज का सही इस्तेमाल करें
9. घबराहट को उत्साह में बदलें
10. लगातार अभ्यास करें
निष्कर्ष सार्वजनिक बोलने का डर स्वाभाविक है, पर आपको अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से नहीं डरना चाहिए। अच्छी तैयारी, नियमित अभ्यास और सकारात्मक सोच से आप अपने डर पर काबू पा सकते हैं और आत्मविश्वास से बोल सकते हैं। याद रखें, हर महान वक्ता कभी न कभी शुरुआती दौर से गुज़रा है। धीरे-धीरे कदम बढ़ाएँ, और जल्द ही आप एक प्रभावशाली वक्ता बन जाएँगे! क्या आप आज एक छोटे समूह के सामने बोलने की कोशिश करना चाहेंगे? अभी से शुरुआत करें और आत्मविश्वास की ओर पहला कदम बढ़ाएँ!
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स्कूल छोड़ना एक रोमांचक लेकिन भ्रमित करने वाला समय होता है। गाँवों में कई विद्यार्थी सोचते हैं: अब मुझे क्या करना चाहिए? क्या मुझे आगे पढ़ाई करनी चाहिए, नौकरी ढूंढनी चाहिए या अपना व्यवसाय शुरू करना चाहिए?
मगर सच यह है कि कोई एक "सही" उत्तर नहीं होता। लेकिन चिंता मत करें! यह मार्गदर्शिका आपकी रुचियों, कौशल और भविष्य के लक्ष्यों के आधार पर सही करियर चुनने में आपकी मदद करेगी। 1. खुद को समझें कोई भी निर्णय लेने से पहले खुद से ये सवाल पूछें:
2. विभिन्न करियर विकल्पों को जानें स्कूल के बाद कई रास्ते होते हैं। आइए सबसे आम विकल्पों पर नज़र डालें: A. उच्च शिक्षा (कॉलेज और विश्वविद्यालय) अगर पढ़ाई में आपकी रुचि है और एक पेशेवर नौकरी चाहते हैं, तो आप इन क्षेत्रों में आगे पढ़ सकते हैं:
B. सरकारी नौकरियाँ सरकारी नौकरियाँ स्थिरता और अच्छे लाभ देती हैं। कुछ प्रमुख विकल्प हैं:
C. कौशल-आधारित नौकरियाँ अगर आप लंबे समय तक पढ़ाई नहीं करना चाहते, तो आप कोई तकनीकी कौशल सीखकर तुरंत काम शुरू कर सकते हैं:
नोट: ITI (Industrial Training Institute) भारत सरकार या निजी संस्थानों द्वारा संचालित संस्थान होते हैं, जो विभिन्न तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। ITI कोर्स छात्रों को एक विशिष्ट नौकरी के लिए कौशल विकसित करने में मदद करते हैं, ताकि वे जल्द से जल्द रोजगार प्राप्त कर सकें या अपना व्यवसाय शुरू कर सकें। D. खुद का व्यवसाय शुरू करना अगर आप खुद के बॉस बनना चाहते हैं, तो आप एक छोटा व्यवसाय शुरू कर सकते हैं, जैसे:
सरकार MUDRA लोन जैसी योजनाओं के माध्यम से छोटे व्यवसायों को बढ़ावा देने में मदद करती है। 3. मार्गदर्शन लें ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को करियर काउंसलिंग तक पहुँच नहीं मिलती, लेकिन फिर भी आप सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं:
4. डिजिटल और संचार कौशल सीखें
5. कदम उठाएँ – धीरे-धीरे शुरू करें लेकिन अभी शुरू करें कई विद्यार्थी अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेने में बहुत देर कर देते हैं, जबकि छोटे कदम भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
निष्कर्ष: आपका भविष्य आपके हाथों में हैचाहे आप किसी भी गाँव या शहर से हों, सही मानसिकता, ज्ञान और मेहनत से आप एक सफल भविष्य बना सकते हैं। आज ही अपने करियर विकल्पों का ढूँढना शुरू करें और उस करियर की ओर पहला कदम बढ़ाएँ, जो आपको सबसे अच्छा लगे। आप किस करियर को अपनाने की सोच रहे हैं? हमें कमेंट में बताइए! "सफलता किस्मत से नहीं मिलती, बल्कि मेहनत और स्मार्ट स्टडी से मिलती है!"
गाँवों और छोटे शहरों के कई विद्यार्थी सरकारी नौकरी की परीक्षाएँ, बैंक परीक्षाएँ या कॉलेज प्रवेश परीक्षाएँ पास करने का सपना देखते हैं। लेकिन कई बार, उनके पास अच्छे कोचिंग सेंटर नहीं होते या महंगी कोचिंग क्लासेज़ के लिए पैसे नहीं होते। लेकिन चिंता मत करो! कई सफल लोगों ने खुद से पढ़ाई करके ये परीक्षाएँ पास की हैं। अगर वे कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं। इसके लिए बस समर्पण, स्मार्ट स्टडी तकनीक तथा सही और सकारात्मक मानसिकता की ज़रूरत होती है। यहाँ कुछ आसान और प्रभावी सेल्फ-स्टडी टिप्स दी गई हैं, जो आपके सपनों को पूरा करने में मदद करेंगी। 1. एक अच्छा स्टडी प्लान बनाएं एक अच्छी योजना आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है। अपने विषयों को छोटे भागों में बाँटें और रोज़ाना पढ़ाई के लक्ष्य तय करें। उदाहरण के लिए:
2. सही स्टडी मटेरियल चुनें सफलता के लिए कई बार बहुत सारी किताबों की ज़रूरत नहीं होती, बल्कि सही किताबों की ज़रूरत होती है।
3. अपने खुद के नोट्स बनाएं लिखने से चीज़ें ज़्यादा याद रहती हैं। जब भी कोई टॉपिक पढ़ें, उसे अपने शब्दों में छोटे नोट्स में लिखें।
4. पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करें अधिकतर प्रतियोगी परीक्षाओं का एक निश्चित पैटर्न होता है। पिछले वर्षों के प्रश्न हल करने से:
5. ध्यान भटकाने वाली चीज़ों से दूर रहें कई छात्र मोबाइल और सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करते हैं। ध्यान केंद्रित करने के लिए:
6. ऑनलाइन संसाधनों का सही उपयोग करें अगर आपके पास स्मार्टफोन है, तो इसका सही इस्तेमाल करें। कुछ उपयोगी फ्री ऐप्स और वेबसाइटें:
7. अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें एक स्वस्थ दिमाग के लिए एक स्वस्थ शरीर ज़रूरी है।
8. स्टडी पार्टनर या ग्रुप बनाएं किसी दोस्त के साथ पढ़ाई करने से दोनों को फ़ायदा होगा।
9. सकारात्मक रहें और हार न मानें सफलता समय लेती है। कई विद्यार्थी पहली बार में परीक्षा पास नहीं कर पाते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे कभी सफल नहीं होंगे।
अंतिम चैलेंज आपके लिएइन टिप्स को एक हफ्ते तक आज़माइए और अपनी पढ़ाई की आदतों में फर्क महसूस कीजिए। अपनी प्रगति पर नज़र रखें और अपनी सफलता दूसरों के साथ साझा करें। आपको कौन-सी टिप सबसे ज़्यादा पसंद आई? हमें कमेंट में बताएं। रूढ़ियाँ तोड़ते हुए: ग्रामीण विद्यार्थियों की प्रेरणादायक कहानियाँ जिन्होंने बड़ी सफलता हासि3/5/2025 बहुत से लोग मानते हैं कि सफलता केवल बड़े शहरों के विद्यार्थियों के लिए होती है। उनका मानना है कि गांवों के विद्यार्थियों के पास कम अवसर होते हैं, इसलिए वे बड़ी उपलब्धियाँ हासिल नहीं कर सकते। लेकिन यह सच नहीं है! कई ग्रामीण छात्रों ने कड़ी मेहनत की, अपने सपनों का पीछा किया, और बड़ी सफलता पाई। उनकी कहानियाँ साबित करती हैं कि प्रतिभा, समर्पण और सीखने की इच्छा सभी बाधाओं को तोड़ सकती है। यहाँ कुछ प्रेरणादायक कहानियाँ हैं जो यह दिखाती हैं कि कुछ भी असंभव नहीं है: 1. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम - एक छोटे गाँव से भारत के राष्ट्रपति तक का सफर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम नामक छोटे गाँव में हुआ था। उनका परिवार अमीर नहीं था, लेकिन वे हमेशा कुछ नया सीखना चाहते थे। उन्होंने कड़ी मेहनत की और एक महान वैज्ञानिक बने। उन्होंने भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान में योगदान दिया और बाद में भारत के राष्ट्रपति बने। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कड़ी मेहनत और शिक्षा जीवन को बदल सकती है। 2. कल्पना सरोज – गरीबी से बिजनेस साम्राज्य तक का सफर कल्पना सरोज का जन्म महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार में हुआ था। उन्होंने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी। उन्होंने एक छोटा व्यवसाय शुरू किया और बाद में एक सफल उद्यमी बनीं। आज वह करोड़पति है और लाखों युवाओं को अपने सपनों का पीछा करने के लिए प्रेरित करती हैं। उन्होंने साबित किया कि गाँव की लड़कियाँ भी बड़ी बिजनेस लीडर बन सकती हैं। 3. आनंद कुमार – ग्रामीण छात्रों को IIT में प्रवेश दिलाने में मदद करने वाले शिक्षक आनंद कुमार बिहार के एक प्रतिभाशाली छात्र थे। वे कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरों की मदद करने का फैसला किया। उन्होंने सुपर 30 नामक एक कार्यक्रम शुरू किया, जहाँ वे गरीब छात्रों को IIT प्रवेश परीक्षा की तैयारी करवाने लगे। उनके कई छात्र IIT में सफल हुए और अपने जीवन को बदला। उनकी कहानी साबित करती है कि शिक्षा गरीबी से बाहर निकलने का सबसे बड़ा साधन है। 4. हिमा दास – किसान की बेटी से चैंपियन धावक तक का सफर हिमा दास का जन्म असम के एक छोटे गाँव में हुआ था। उनके पिता किसान थे, और उसे खेलों के लिए कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला था। लेकिन उन्हें दौड़ने का बहुत शौक था। उन्होंने कड़ी मेहनत की और भारत की पहली ऐसी एथलीट बनीं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय दौड़ में स्वर्ण पदक जीता। उनकी यात्रा दिखाती है कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता, अगर आप उसे पाने के लिए मेहनत करते हैं। 5. रमेश बाबू – एक नाई जो अरबपति बन गया रमेश बाबू का जन्म कर्नाटक के एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता एक नाई थे, और उनके निधन के बाद रमेश बाबू को नाई की दुकान संभालनी पड़ी। लेकिन वे कुछ बड़ा करना चाहते थे। उन्होंने एक छोटी कार रेंटल सेवा शुरू की, जो बाद में एक बड़ी सफलता बनी। आज वे लग्जरी कारों के मालिक हैं और अरबपति बन चुके हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कोई भी काम छोटा नहीं होता, और सही सोच के साथ कोई भी सफलता हासिल कर सकता है। इन कहानियों से हम क्या सीख सकते हैं?
निष्कर्ष इन प्रेरणादायक ग्रामीण छात्रों ने साबित कर दिया कि सफलता केवल शहरों के लोगों के लिए नहीं होती। यह उन सभी के लिए है जो कड़ी मेहनत करने और कभी हार न मानने के लिए तैयार हैं। अगर वे कर सकते हैं, तो आप भी कर सकते हैं! अपने सपनों को जिंदा रखें, सीखते रहें, और एक दिन आपकी कहानी भी किसी और को प्रेरित करेगी। क्या आप अपने गाँव की किसी प्रेरणादायक सफलता की कहानी जानते हैं? हमें बताएं! "आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का मतलब बहुत पैसा कमाना नहीं है, बल्कि अपने खुद के पैसे कमाना और उसे सही तरीके से प्रबंधित करना है।"
गांवों में कई छात्र पैसे के लिए अपने परिवार पर निर्भर रहते हैं क्योंकि नौकरी के अवसर कम होते हैं। लेकिन सही स्किल्स और मेहनत से विद्यार्थी पढ़ाई के साथ ही पैसे कमा सकते हैं और अपनी जरूरतों का ध्यान रख सकते हैं। यहां कुछ आसान तरीके दिए गए हैं जिनसे छात्र अतिरिक्त पैसे कमा सकते हैं। 1. पहले एक स्किल सीखें कमाने से पहले, एक अच्छी स्किल सीखें। कई वेबसाइट्स पर फ्री कोर्स मिलते हैं जो आपको कमाने में मदद कर सकते हैं। कुछ उपयोगी स्किल्स हैं:
2. पार्ट-टाइम जॉब और फ्रीलांसिंग करें एक बार जब आप स्किल सीख लें, तो पार्ट-टाइम काम शुरू कर सकते हैं। ऑनलाइन काम (फ्रीलांसिंग)Fiverr, Upwork और Freelancer जैसी वेबसाइट्स से घर बैठे पैसे कमा सकते हैं:
टीचिंग/ट्यूटरिंग अगर आप किसी विषय में अच्छे हैं, तो गांव में छोटे बच्चों को पढ़ाएं। आप ऑनलाइन भी पढ़ा सकते हैं, जैसे Vedantu और Teachmint पर। स्थानीय नौकरियां गांव में ये काम करके पैसे कमाए जा सकते हैं:
3. अपनी रुचि से कमाएं आपकी हॉबी भी कमाई का जरिया बन सकती है।
4. छात्रवृत्ति (Scholarship) के लिए आवेदन करें सरकार पढ़ाई के लिए छात्रों को पैसे देती है। कुछ महत्वपूर्ण छात्रवृत्तियां:
5. पैसे बचाएं और प्रबंधन करें कमाना ज़रूरी है, लेकिन बचत भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। ✔ पहले बचत करें, फिर खर्च करें – भविष्य की ज़रूरतों के लिए कुछ पैसे बचाएं। ✔ समझदारी से खर्च करें – केवल ज़रूरी चीज़ों, जैसे किताबों और कोर्स पर खर्च करें। ✔ डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करें – Paytm, Google Pay या BHIM UPI से पैसे का सुरक्षित प्रबंधन करें। 6. छोटा व्यवसाय शुरू करें अगर आप खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो ये कुछ बेहतरीन आइडियाज हैं:
निष्कर्ष: आज ही शुरुआत करें!आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनना संभव है अगर आप नई स्किल्स सीखते हैं, पार्ट-टाइम काम करते हैं और पैसों को समझदारी से प्रबंधित करते हैं। नौकरी का इंतज़ार करने की ज़रूरत नहीं—आप अपना काम खुद शुरू कर सकते हैं! क्या आपको करियर चुनने में मदद चाहिए? अपने सवाल कमेंट में पूछें! भारत में कई सरकारी योजनाएँ, निजी अनुदान और सामाजिक निवेशक (इम्पैक्ट इन्वेस्टर्स) ऐसे स्टार्टअप्स का समर्थन करते हैं जो सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप हैं। उनमें प्रमुख निम्नलिखित हैं :
1. सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी भारतीय सरकार ऋण, अनुदान और इनक्यूबेशन प्रोग्राम्स के माध्यम ग्रामीण व्यवसायों को प्रमुखता से समर्थन देती है:
2. इम्पैक्ट इन्वेस्टर और सामाजिक उद्यम निधि निजी निवेशक और इम्पैक्ट निधियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च सामाजिक प्रभाव वाले व्यवसायों का समर्थन करते हैं।
3. अनुदान और परोपकारी कोष गैर-लाभकारी संगठनों तथा वैश्विक संस्थाओं द्वारा ग्रामीण विकास परियोजनाओं के लिए गैर-वापसी योग्य अनुदान उपलब्ध कराए जाते हैं:
4. क्राउडफंडिंग और वैकल्पिक वित्तीय साधन ग्रामीण उद्यमी जन-सहयोग के माध्यम से धन जुटा सकते हैं:
5. माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFIs) और स्वयं सहायता समूह (SHGs) SHGs और MFIs कम ब्याज दरों पर ₹10,000 – ₹2 लाख के छोटे ऋण प्रदान करते हैं:
आपके लिए कौन सा वित्तीय विकल्प सबसे अच्छा है?
"एक छोटा विचार भी किसी के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है।"
स्वरोज़गार (खुद का बिज़नेस) सिर्फ़ बड़े शहरों या कॉर्पोरेट कंपनियों तक सीमित नहीं है। कई प्रेरणादायक सफलता की कहानियों की जड़ें भारत के गांवों में है। जहां लोग अपनी मुश्किलों को अवसरों में बदल रहे हैं, परंपराओं से नया बिज़नेस बना रहे हैं और छोटे विचारों से बड़ी सफलता हासिल कर रहे हैं। नई तकनीक का इस्तेमाल कर, किसानों से लेकर गाँव की महिलाऐं सभी सामाजिक अवरोधों को पार कर रहें हैं, ग्रामीण उद्यमी अपने समुदायों मे सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं और यह साबित कर रहे हैं कि सफलता केवल बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे प्रेरणादायक ग्रामीण स्वरोज़गारी की कहानियाँ, जिन्होंने कुछ अलग ढंग से सोचा और अपने दम पर ऐसे व्यवसाय खड़े किए जो बदलाव ला रहे हैं। 1. सेल्को इंडिया: सौर ऊर्जा से रोशनी लाई
सबक: सही सोच और नई तकनीक से गाँवों की बड़ी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है। 2. मिट्टीकूल: बिना बिजली के चलने वाला फ्रिज
सबक: बिना नवीन तकनीकों के भी आविष्कार संभव है, बस इसके लिए दैनिक समस्यों को देखने के लिए नए दृष्टि की आवश्यकता होती है। नई सोच और पुरानी परंपरा मिलकर एक बड़ा बिज़नेस बना सकते हैं। 3. पर्वता फूड्स: किसानों को सीधा बाज़ार से जोड़ा
प्रभाव: पर्वता फूड्स ने सैकड़ों किसानों की आय बढ़ाई और फसल की बर्बादी कम की। सबक: सही मार्केटिंग और सप्लाई चेन से गाँवों का कारोबार बदला जा सकता है। 4. रंगसूत्र: गाँव के कारीगरों को बाज़ार से जोड़ा
सबक: यदि सही बाज़ार मिले, तो गाँव की कला से भी बड़ा बिज़नेस खड़ा किया जा सकता है। 5. आकार इनोवेशन: ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए गए सैनिटरी पैड
सबक: अगर बिज़नेस समाज की समस्या हल करे, तो वह सफल और फ़ायदे वाला दोनों हो सकता है। ये कहानियां हमें क्या सिखाती है ?इनमें से प्रत्येक उद्यमी ने एक साधारण विचार से शुरुआत की—चाहे वह बेहतर मिट्टी के बर्तन बनाना हो, बिजली की कमी को दूर करना हो, या किसानों को उचित मूल्य प्राप्त करने में मदद करना हो। लेकिन जो चीज़ उन्हें दूसरों से अलग बनाती थी, वह थी उनका दृढ़ संकल्प, नवाचार और पुरानी व्यवस्थाओं को चुनौती देने की उनकी इच्छा।
अगले बड़े ग्रामीण स्वरोज़गारी आप भी हो सकते हैं! क्या आप भी अपना बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं?Turn the Bus में हम मानते हैं कि ग्रामीण स्वरोज़गारी ही भारत का भविष्य बदल सकते हैं। हमारे ब्लॉग को फॉलो करें और जानें सफलता की नई कहानियाँ, बिज़नेस आइडियाज और ज़रूरी संसाधन। आपका गाँव। आपका हुनर। आपका बिज़नेस। आपकी सफलता। स्वरोज़गार (खुद का बिज़नेस) भारतीय गाँवों के लिए एक बड़ा समाधान बन रहा है। यह रोजगार एवम आय अर्जित करने के अवसरों को बढ़ा रहा है तथा गाँवों का विकास कर रहा है। आइए जानें कैसे:
1. बेरोज़गार की समस्या का हल
2. गाँवों की आय बढ़ाना
3. तकनीक और डिजिटल मार्केट का उपयोग
4. महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाना
5. स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाना
6. खेती में नवाचार (Innovation) को बढ़ावा देना
चुनौतियाँ और समाधान मुश्किलें:
निष्कर्ष: स्वरोज़गार ही गाँवों का भविष्य हैअगर सही मदद मिले, तो स्वरोज़गार गाँवों को आत्मनिर्भर बना सकता है, शहरी पलायन रोक सकता है और लाखों नौकरियाँ पैदा कर सकता है। रोज़गार ढूंढने की सोच से आगे बढ़कर रोज़गार देने की सोच अपनाना ग्रामीण भारत के विकास के लिए सबसे ज़रूरी कदम है। भरतीय गाँवों में ज़्यादातर विद्यार्थी सरकारी नौकरी पाने की कोशिश करते हैं। इसके पीछे कई बड़े कारण हैं:
1. नौकरी की सुरक्षा और स्थिरता
✅ हाँ, लेकिन धीरे-धीरे। कुछ ग्रामीण छात्र अब प्राइवेट नौकरी, फ्रीलांसिंग और व्यवसाय की ओर भी ध्यान दे रहे हैं, खासकर डिजिटल शिक्षा के बढ़ने से। फिर भी, सरकारी नौकरी की प्रतिष्ठा अब भी शीर्ष पर है। क्या आप जानना चाहेंगे कि AI और EdTech कैसे ग्रामीण छात्रों को नए करियर विकल्पों की ओर बढ़ने में मदद कर रहे हैं? |
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